यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट, दोपहिया में दिखा सुधार: ऑटोमोबाइल सेक्टर पर मंदी की छाया

देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अगस्त 2025 का महीना मिले-जुले संकेत लेकर आया। जहां एक ओर यात्री वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, वहीं दोपहिया वाहनों की बिक्री में 7 फीसदी की वृद्धि देखी गई। यह आंकड़े भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं के संगठन सियाम (SIAM) ने जारी किए हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि उपभोक्ता मानसिकता फिलहाल स्पष्ट नहीं है। अगस्त में कुल 3,21,840 यात्री वाहन बिके, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 31,000 यूनिट कम हैं। बीते साल इसी अवधि में यह संख्या 3,52,921 थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्राहक अभी कीमतों में संभावित कमी और जीएसटी दरों में कटौती की उम्मीद में हैं, जिस कारण वे खरीद निर्णय को टाल रहे हैं। सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने भी यही स्पष्ट किया कि लोगों में यह धारणा बनी हुई है कि आने वाले महीनों में वाहन सस्ते हो सकते हैं। इसके विपरीत दोपहिया वाहनों की बिक्री ने बाजार को थोड़ी राहत दी है। अगस्त में इनकी बिक्री 18,33,921 इकाई रही, जो पिछले साल के 17,11,662 के मुकाबले 7 फीसदी ज्यादा है। स्कूटर सेगमेंट में तो और भी अधिक वृद्धि देखी गई – कुल 6,83,397 स्कूटर बिके, जो पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा है। यह दर्शाता है कि छोटे और मिड-रेंज उपभोक्ता वर्ग में वाहन खरीद की रुचि बनी हुई है, खासकर शहरी इलाकों में। तिपहिया वाहनों की बात करें तो उसमें भी 8 फीसदी की वृद्धि हुई है और इनकी कुल बिक्री 75,759 इकाई तक पहुंच गई है। यह संकेत देता है कि कमर्शियल और सार्वजनिक परिवहन के लिए यह सेगमेंट अब भी स्थिर मांग बनाए हुए है। निर्यात के मोर्चे पर भारत को बड़ी सफलता मिली है। अगस्त में यात्री वाहनों का निर्यात 24.6 फीसदी बढ़कर 82,246 यूनिट तक पहुंच गया, जिसमें कारों का निर्यात 24 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 43,650 यूनिट रहा। दोपहिया वाहनों का निर्यात भी प्रभावशाली रहा – 27.6 फीसदी की छलांग के साथ कुल 4,32,033 इकाई निर्यात की गईं। वहीं तिपहिया वाहनों का निर्यात तो 48.1 फीसदी की ऊंचाई पर पहुंच गया, जो 42,765 यूनिट के बराबर है। इस पूरे परिदृश्य से साफ है कि घरेलू बाजार में अनिश्चितता जरूर है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मांग भारत के लिए एक उम्मीद की किरण बनी हुई है। अगर सरकार कीमतों और टैक्स से जुड़ी नीतियों में जल्द स्पष्टता लाती है, तो त्योहारों के मौसम में बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।