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फेस्टिव सीजन के दौरान इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 85 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। अक्टूबर में कुल 1,39,031 ईवी दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 75,164 यूनिट्स का था। ईवी वाहनों की बढ़ती हुई बिक्री दिखाती है कि लोगों का रुझान अब धीरे-धीरे पेट्रोल वाहनों से शिफ्ट होकर इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ जा रहा है। कैलेंडर वर्ष 2024 के पहले 10 महीने ने कुल 9,54,164 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है। इसमें सालाना आधार पर 38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 6,92,363 था। अक्टूबर 2024 में सर्विस और प्रोडक्ट क्वालिटी को लेकर मुश्किलों का सामना कर रही कंपनी ओला इलेक्ट्रिक द्वारा 41,605 यूनिट्स की बिक्री की गई है।

भारत में 10 में से 8 से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तुलना में हाइब्रिड वाहनों को ज्यादा पसंद करते हैं। सोमवार को हुए एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि भारतीय ग्राहक प्रीमियम मॉडल को ज्यादा पसंद करते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि यह निराशाजनक शुरुआत बाजार की अपेक्षाओं के अनुसार है। स्वास्तिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड की वेल्थ हेड शिवानी न्याति ने कहा कि लिस्टिंग से पहले ₹67 (3.42%) के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ने पहले ही लिस्टिंग लाभ के लिए सीमित उत्साह का संकेत दिया। इसके अलावा, हुंडई इंडिया के मजबूत फंडामेंटल और भारत में दूसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माता होने के कारण इसकी दीर्घकालिक विकास संभावनाएं बरकरार हैं।

शो के बाद, बाईक के प्रति दर्शकों की दीवानगी का नतीजा यह रहा कि दो दर्जन से अधिक बाईकों की बुकिंग की गई। प्रभात सिंह ने बताया कि बजाज पल्सर मैनिया अब युवा दिलों का धड़कन बन चुकी है। धन तेरस और दीपावली के अवसर पर बाईक खरीदने वाले ग्राहकों को विशेष छूट और गिफ्ट पैक दिए जाएंगे।

भारत से निर्यात किए जाने वाले वाहनों की संख्या में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 14 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इसका दौरान 25 लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात दुनिया के अलग-अलग देशों में किया गया है। 

भारत के वाहन निर्यात क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 14 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस अवधि में 25 लाख से अधिक वाहनों का निर्यात विभिन्न देशों में किया गया। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच 25,28,248 यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 22,11,457 यूनिट्स था।

भारत चीन को पछाड़ दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार बन गया है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

काइलैक को 1.0 टीएसआई इंजन से पावर दी जाएगी, जो 85 किलोवॉट की पावर और 178 एनएम का टॉर्क उत्पन्न करता है। इसे 6-स्पीड मैनुअल या ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ चुना जा सकेगा। काइलैक ने ग्लोबल एनसीएपी टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग हासिल की है, जिसमें 25 से अधिक सक्रिय और पैसिव सुरक्षा फीचर्स शामिल हैं।

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने कहा, "इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल कर, मैं अपने ग्राहकों को शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिन्होंने हम पर भरोसा जताया। मैं अपने सभी कर्मचारियों, व्यापारिक सहयोगियों और भारत सरकार को उनके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं।

इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि दर्ज हुई है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर दोपहिया वाहनों की बिक्री में मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि देखी गई।

देश की बड़ी कार निर्माता कंपनियों में से एक हुंडई मोटर इंडिया का इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) 15 अक्टूबर से आम निवेशकों के लिए खुल गया है। इस आईपीओ के जरिए कंपनी की योजना 27,870 करोड़ रुपये की राशि जुटाने की है।

14 अक्टूबर, 2024: हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड ("कंपनी") ने मंगलवार, 15 अक्टूबर, 2024 को इक्विटी शेयरों की अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ - "ऑफर") खोलने का प्रस्ताव किया है। कंपनी Hyundai Motor समूह की अंग है, जो क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2023 में यात्री वाहन बिक्री के आधार पर दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी ऑटो ओईएम थी। एंकर इन्वेस्टर बोली की तारीख बोली/ऑफर खुलने की तारीख से एक कार्य दिवस पहले है, जो सोमवार, 14 अक्टूबर, 2024 है। बोली/ऑफर बंद होने की तारीख गुरुवार, 17 अक्टूबर, 2024 है।

जर्मन लग्जरी कार निर्माता मर्सिडीज-बेंज ने भारत में अपनी कार बिक्री के आंकड़ों को लेकर जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि भारत में उसकी कार बिक्री 2024 के पहले नौ महीनों में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 14,379 इकाई हो गई। कंपनी ने यह भी बताया कि यह उसका सितंबर की अवधि में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर  अग्रसर है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का देश की अर्थव्यवस्था की तेजी में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। 

इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों का रिसायकल एक भू-राजनीतिक और जलवायु संबंधी अनिवार्यता है। सरकार के अनुसार, इस क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप नवाचार और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।

केंद्र सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण देश में तेजी से लग्जरी वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है, जिसके कारण भारत के ऑटोसेक्टर में निवेश भी बढ़ रहा है।

जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी मर्सिडीज-बेंज की ओर से हाल ही में लॉन्च की गई ईक्यूएस एसयूवी उत्पादन भारत में भी किया जाएगा। अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां पर इस लग्जरी इलेक्ट्रिक एसयूवी की असेंबलिंग की जाएगी। इस लग्जरी ईवी की कीमत 1.41 करोड़ रुपये है।

अमेरिकी वाहन निर्माता फोर्ड मोटर भारत में वापसी कर रही है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कंपनी चेन्नई में अपने विनिर्माण संयंत्र को फिर से चालू करेगी। साथ ही 2,500-3,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती भी करेगी। शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की गई।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत की घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री वित्त वर्ष 24 में 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2047 तक 1.6 ट्रिलियन डॉलर ( 134 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकती है। ऑटो इंडस्ट्री के तेजी से बढ़ने की वजह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के चलन में इजाफा बताया जा रहा है।

आगामी भारत मोबिलिटी शो में इलेक्ट्रिक वाहन प्रेमियों के लिए एक खास आकर्षण होने जा रहा है, जहां EVX का प्रोडक्शन मॉडल पहली बार पेश किया जाएगा। यह मिडसाइज इलेक्ट्रिक SUV अपने दमदार फीचर्स और तकनीकी खासियतों के साथ बाजार में टाटा कर्व EV को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है।