श्रीलंका पांच लाख ऑटोरिक्शा को ईवी में करेगा परिवर्तित
 
                          
                कोलंबो। वित्तीय मंदी के बीच गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रहा श्रीलंका 
अगले पांच वर्षों के भीतर 5 लाख 'टुक-टुक' (ऑटोरिक्शा) को इलेक्ट्रिक 
वाहनों (ईवी) में परिवर्तित करने की तैयारी कर रहा है। श्रीलंका में 
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा समर्थित, परिवहन और 
राजमार्ग मंत्रालय और बिजली व ऊर्जा मंत्रालय ने मोटर यातायात विभाग और 
राष्ट्रीय परिवहन आयोग के साथ मिलकर यह परियोजना शुरू की है। 
                 
                 
                
                
गौरतलब
 है कि श्रीलंका में लगभग 1.2 मिलियन टुक-टुक मुख्य रूप से भारत से आयात 
किए जाते हैं। हालांकि सरकार द्वारा 2022 में डॉलर की कमी के कारण वाहनों 
के आयात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद से भारत से तिपहिया वाहनों का 
आयात लगभग शून्य हो गया है।
आवश्यक ईंधन खरीदने में असमर्थ लगभग 5 लाख टुक-टुक ड्राइवर पिछले साल बेरोजगार हो गए।
यूएनडीपी
 ने गुरुवार को परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा, द्वीप में प्रचलित 
सामाजिक-आर्थिक संकट के साथ, स्थायी गतिशीलता दृष्टिकोण को अपनाने की दिशा 
में बदलाव को एक हरित पुनप्र्राप्ति प्रक्रिया के लिए एक आवश्यकता के रूप 
में पहचाना गया है।
परियोजना का उद्देश्य पेट्रोल तिपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों में बदलना है।
प्रस्तावित
 तीन-चरणीय परियोजना में एक ऊष्मायन चरण, एक प्रदर्शन चरण और एक त्वरण चरण 
शामिल है। ऊष्मायन चरण रूपांतरण प्रक्रिया का परीक्षण करेगा। प्रदर्शन चरण 
रूपांतरण का समर्थन करेगा और त्वरण चरण रियायती वित्तपोषण और बुनियादी 
ढांचे के विकास के माध्यम से रूपांतरण के लिए बाजार की शक्तियों का उपयोग 
करेगा।
श्रीलंका में यूएनडीपी के प्रतिनिधि अजुसा कुबोटा ने पायलट 
परियोजना में यूएनडीपी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, यह पायलट 
प्रोजेक्ट यूएनडीपी के हरित विकास पोर्टफोलियो का एक हिस्सा है, जिसे 
विकसित किया जा रहा है। इस पोर्टफोलियो का उद्देश्य कम कार्बन, हरित और 
समावेशी विकास को उत्प्रेरित करने के लिए समाधान तैयार करना व श्रीलंका के 
विकास का समर्थन करना है जिसके भीतर टिकाऊ परिवहन और ई-गतिशीलता महत्वपूर्ण
 भूमिका निभाते हैं।
ऊष्मायन चरण 200 पेट्रोल तिपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों में बदलने में मदद करेगा।
ऊष्मायन
 चरण के लिए, चयन वाहनों और मालिकों के लिए कई मानदंड पेश किए गए हैं। इन 
मानदंडों में शामिल हैं, टुक-टुक की आयु निर्माण की तारीख से 10 वर्ष से 
अधिक नहीं होनी चाहिए। केवल पेट्रोल 4-स्ट्रोक तिपहिया वाहन पात्र हैं। उन 
आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी आजीविका एक तिपहिया वाहन पर निर्भर 
है, और अधिमान्य चयन महिला मालिकों, संचालकों और विकलांग व्यक्तियों को 
दिया जाना है।
परिवहन और राजमार्ग मंत्री बंडुला गुनावदेर्ना ने 
कहा, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन न केवल व्यक्तिगत ऑपरेटरों को लाभान्वित 
करेंगे, बल्कि देश की आर्थिक सुधार प्रक्रिया में भी योगदान देंगे।
--आईएएनएस


































