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सेफ्टी फेल, लेकिन बिक्री बेमिसाल! जानिए किन 5 कारों की क्रैश टेस्ट में खुली पोल

सेफ्टी फेल, लेकिन बिक्री बेमिसाल! जानिए किन 5 कारों की क्रैश टेस्ट में खुली पोल

भारत में अब वाहन खरीदते समय सेफ्टी एक बड़ा फैक्टर बन चुका है। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP) और ग्लोबल NCAP जैसी एजेंसियां अब कारों की सुरक्षा रेटिंग जारी करती हैं, जिससे ग्राहकों को कार के मजबूत या कमजोर होने का संकेत मिलता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कुछ कारें, जिन्हें क्रैश टेस्ट में बेहद खराब रेटिंग मिली है, वे आज भी भारतीय बाजार में जबरदस्त बिक्री दर्ज कर रही हैं। इन गाड़ियों की लोकप्रियता भले ही कीमत, माइलेज या फीचर्स पर टिकी हो, लेकिन जब बात आती है आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा की — तो इनकी सेफ्टी रिपोर्ट आपको चौंका सकती है। आइए जानते हैं ऐसी ही 5 कारों के बारे में, जिन्हें ग्लोबल NCAP या BNCAP में खराब रेटिंग मिली, लेकिन ये आज भी धड़ल्ले से बिक रही हैं— मारुति सुजुकी ऑल्टो K10 – सुरक्षा में बेहद कमजोर, फिर भी भारत की फेवरेट भारत की सबसे सस्ती और सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में शामिल ऑल्टो K10 को एडल्ट सेफ्टी के लिए सिर्फ 2 स्टार, और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 0 स्टार मिले हैं। यह रेटिंग दर्शाती है कि कार वयस्कों को आंशिक सुरक्षा देती है, लेकिन बच्चों के लिए खतरे की घंटी है। 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन वाली यह कार 67 PS और 89 Nm टॉर्क देती है। 5-स्पीड मैनुअल और AMT ऑप्शन में आती है, साथ ही CNG वेरिएंट भी मौजूद है। फीचर्स में 7-इंच टचस्क्रीन, डुअल एयरबैग, ABS+EBD और रियर पार्किंग सेंसर हैं। सिट्रोन e-C3 – जीरो स्टार वाली इलेक्ट्रिक कार फ्रांसीसी कार निर्माता सिट्रोन की यह इलेक्ट्रिक हैचबैक एडल्ट सेफ्टी में 0 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी में सिर्फ 1 स्टार के साथ फेल हो गई। क्रैश टेस्ट में सामने बैठे यात्रियों की छाती को गंभीर नुकसान की संभावना बताई गई। 320Km की सिंगल चार्ज रेंज का दावा करने वाली यह EV कार थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट और चाइल्ड सीट एयरबैग डिएक्टिवेशन जैसे अहम सेफ्टी फीचर्स से वंचित है, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी होते हैं। मारुति सुजुकी इग्निस – स्टाइलिश लुक, लेकिन सेफ्टी कमजोर इग्निस को एडल्ट सेफ्टी के लिए 1 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 0 स्टार मिले हैं। जबकि इसका ऊंचा स्टांस और अट्रैक्टिव लुक ग्राहकों को खूब लुभाता है, लेकिन सेफ्टी के मामले में यह उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती। इसमें 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन है (83 PS, 113 Nm) और मैनुअल या AMT गियरबॉक्स का विकल्प मिलता है। फीचर्स में 7-इंच टचस्क्रीन, डुअल एयरबैग, रियर पार्किंग सेंसर और क्लाइमेट कंट्रोल शामिल हैं। हुंडई ग्रैंड i10 निओस – आरामदायक जरूर, लेकिन सुरक्षा साधारण हुंडई की यह प्रीमियम हैचबैक भी केवल 2 स्टार रेटिंग तक सीमित रही — वयस्क और बच्चों दोनों के लिए। यह कार अपने फीचर्स और राइड क्वालिटी के लिए जानी जाती है, लेकिन सुरक्षा के मोर्चे पर केवल मूलभूत सुरक्षा देती है। 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन (83 PS, 113.8 Nm), मैनुअल और AMT ट्रांसमिशन। प्रोजेक्टर हेडलैंप, LED DRLs, 8-इंच टचस्क्रीन, वायरलेस चार्जिंग, डुअल एयरबैग जैसी सुविधाएं हैं — लेकिन यह सब दुर्घटना की स्थिति में पर्याप्त सुरक्षा नहीं देते। मारुति सुजुकी एस-प्रेसो – मिनी SUV का दमदार दावा, लेकिन सेफ्टी में दम नहीं एस-प्रेसो को एडल्ट के लिए 1 स्टार, और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 0 स्टार ही मिल सके। ग्लोबल NCAP के मुताबिक आगे बैठे यात्रियों के सिर और गर्दन को सीमित सुरक्षा मिली। इस कार में 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन (67 PS, 89 Nm), मैनुअल व AMT ट्रांसमिशन और CNG वेरिएंट मौजूद हैं। डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, 7-इंच टचस्क्रीन, डुअल एयरबैग, ABS+EBD और रियर सेंसर जैसी सुविधाएं हैं — लेकिन संरचनात्मक मजबूती कमजोर है। खरीदने से पहले ध्यान रखें इन कारों की बिक्री भले ही लाखों में हो, लेकिन यदि आप परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, तो केवल लुक्स, फीचर्स और माइलेज के चक्कर में कम रेटिंग वाली कारें न खरीदें। अब जब भारत में BNCAP जैसी सेफ्टी रेटिंग एजेंसी सक्रिय है, तो उपभोक्ताओं को भी सजग होकर ही खरीदारी करनी चाहिए। निष्कर्ष बदलते समय के साथ भारतीय ग्राहकों को भी जागरूक और जिम्मेदार बनने की जरूरत है। आज जब कार दुर्घटनाएं आम हो गई हैं, तो एक सुरक्षित कार चुनना केवल विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत है। यदि ये 5 कारें आपकी लिस्ट में हैं, तो कृपया क्रैश रेटिंग और सेफ्टी फीचर्स ध्यान में रखकर ही अंतिम निर्णय लें।

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