ईवी बाजार में टाटा की बादशाहत को चुनौती! महिंद्रा और MG ने मिलकर छीना 53% मार्केट शेयर

भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बाजार एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। कभी इस सेगमेंट की निर्विवाद नेता रही टाटा मोटर्स को अब महिंद्रा और एमजी मोटर जैसी कंपनियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। जून 2025 में सामने आए आंकड़ों से साफ है कि EV बाजार में अब तीन बड़े खिलाड़ी आमने-सामने हैं, और टाटा का वर्चस्व अब पहले जैसा नहीं रहा। जून 2025 की रिपोर्ट में दिखा बड़ा उलटफेर जून 2025 में देशभर में कुल 13,033 इलेक्ट्रिक कारें रजिस्टर की गईं, जो पिछले साल जून 2024 की तुलना में 78% अधिक है। हालांकि ये संख्या कुल पैसेंजर वाहनों का केवल 4% हिस्सा है, लेकिन EV की बढ़ती स्वीकार्यता को यह साफ दर्शाती है। इस तेजी में सबसे बड़ी खबर यह रही कि महिंद्रा और MG मोटर ने संयुक्त रूप से 53% बाज़ार हिस्सेदारी हासिल कर ली है, जो पहले टाटा के पास थी। टाटा मोटर्स: धीरे-धीरे खिसकता दबदबा टाटा मोटर्स अब भी EV सेगमेंट में सबसे अधिक गाड़ियां बेच रही है, लेकिन उसकी बाजार हिस्सेदारी जून 2024 के 62.7% से गिरकर जून 2025 में मात्र 35.8% रह गई। टाटा की जून 2025 में कुल 4,664 यूनिट्स की बिक्री हुई, जिसमें केवल 2% की साल-दर-साल (YoY) वृद्धि दर्ज की गई। Punch EV, Curvv EV और Harrier EV जैसे मॉडल होने के बावजूद, टाटा का ग्रोथ मोमेंटम ठहरता नजर आ रहा है। इसका संकेत है कि टाटा को अब न केवल इनोवेशन पर बल्कि बाजार रणनीति पर भी फिर से ध्यान देना होगा। MG मोटर: आक्रामक रफ्तार में बढ़ता खिलाड़ी MG मोटर इंडिया की जून 2025 में 3,945 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो YoY आधार पर 167% की शानदार ग्रोथ दर्शाती है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 30.3% तक पहुंच गई है। MG की नई विंडसर इलेक्ट्रिक SUV को शहरी ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। ZS EV और कॉमेट के बाद, विंडसर ने MG को टाटा के बेहद करीब पहुंचा दिया है। तेजी से बढ़ती इस सफलता को देखकर साफ है कि MG EV सेगमेंट में अब एक बड़ी ताकत बन चुकी है। महिंद्रा: SUV किंग अब EV सेगमेंट में भी दहाड़ रहा SUV सेगमेंट में पहले से ही मजबूती से जमी महिंद्रा ने EV सेगमेंट में भी दमदार एंट्री की है। जून 2025 में कंपनी की EV बिक्री 2,979 यूनिट्स रही, जिसमें 512% की बेमिसाल YoY ग्रोथ दर्ज की गई। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी अब 22.9% तक पहुंच गई है। Mahindra BE 6 और XEV 9e जैसे मॉडल्स ने लोगों को आकर्षित किया है। आधुनिक टेक्नोलॉजी, दमदार लुक और परफॉर्मेंस के चलते महिंद्रा तेजी से EV ग्राहकों की पहली पसंद बनती जा रही है। अन्य कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर हुंडई ने जून 2025 में 509 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 708% की जबरदस्त ग्रोथ दर्शाता है। यह कंपनी के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा सकती है, खासकर भारतीय EV बाजार में उसके सीमित पोर्टफोलियो को देखते हुए। दूसरी ओर, किआ (Kia) की बिक्री 41 यूनिट्स रही, जिसमें 156% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि संख्या कम है, लेकिन ग्रोथ दर उत्साहजनक है। BYD ने 461 यूनिट्स के साथ 90% की सालाना ग्रोथ दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चीन की यह कंपनी भारत में धीरे-धीरे अपनी जगह बना रही है। इसके विपरीत, सिट्रोएन (Citroen) को तगड़ा झटका लगा है। जून 2025 में कंपनी की बिक्री मात्र 80 यूनिट्स पर सिमट गई, और इसमें -66% की गिरावट देखी गई। यह संकेत है कि Citroen की EV रणनीति फिलहाल उपभोक्ताओं को खास प्रभावित नहीं कर पा रही है। BYD की ग्रोथ अब भी अच्छी है, लेकिन महीने-दर-महीने प्रदर्शन में गिरावट देखी गई। वहीं Citroen की eC3 को उम्मीद के मुताबिक रेस्पॉन्स नहीं मिला है, जिससे इसकी बिक्री में भारी कमी आई है। लक्जरी EV सेगमेंट में BMW का दबदबा भारत के लक्जरी EV सेगमेंट में BMW ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। जून 2025 में कंपनी ने 212 यूनिट्स की बिक्री की, जो 272% की YoY ग्रोथ है। Mercedes ने 91 यूनिट्स के साथ अच्छी प्रगति की, लेकिन Volvo और Audi जैसे ब्रांड्स को अभी भी उपयुक्त बाजार स्केल नहीं मिल सका। लक्जरी EV सेगमेंट BMW ने 212 यूनिट्स की बिक्री के साथ 272% की दमदार वार्षिक ग्रोथ दर्ज की है, जिससे यह इस श्रेणी में सबसे ऊपर है। Mercedes ने भी 91 यूनिट्स की बिक्री करते हुए 100% से अधिक की ग्रोथ हासिल की है। वहीं, वोल्वो (Volvo) और ऑडी (Audi) का प्रदर्शन उम्मीद से काफी नीचे रहा। वोल्वो की बिक्री गिरकर 22 यूनिट्स तक पहुंच गई जबकि ऑडी की बिक्री केवल 2 यूनिट्स तक सिमटी, जो दर्शाता है कि इन दोनों ब्रांडों को भारतीय बाजार में उपयुक्त स्केल और ग्राहक आधार नहीं मिल सका है। EV मार्केट में मुकाबला अब तीव्र महिंद्रा और MG अब EV सेगमेंट में सिर्फ भागीदार नहीं, बल्कि टाटा मोटर्स को सीधी टक्कर देने वाले मजबूत दावेदार बन चुके हैं। टाटा के लिए यह वक्त चेतावनी का है। पहले-मूवर्स एडवांटेज को बनाए रखने के लिए कंपनी को नए-नए प्रोडक्ट्स के साथ-साथ उपभोक्ता केंद्रित रणनीति अपनानी होगी। EV युद्ध की शुरुआत हो चुकी है—अब देखना यह है कि इसमें असली विजेता कौन बनता है।