मोदी का दिवाली गिफ्ट: छोटी कारों पर जीएसटी घटा, कीमतों में भारी कमी संभव

त्योहारों से पहले केंद्र सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर और आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने संबोधन में जीएसटी सुधारों का संकेत दिया था और अब यह साफ हो गया है कि छोटी कारों पर टैक्स घटाकर उपभोक्ताओं को दिवाली का तोहफ़ा दिया जाएगा। सरकार के नए प्रस्ताव के अनुसार 4 मीटर तक लंबाई और 1200 सीसी इंजन क्षमता वाली पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी कारों पर अब केवल 18% जीएसटी लगाया जा सकता है। अभी तक इन वाहनों पर 28% जीएसटी और 1% सेस वसूला जाता है। इस बदलाव से कारों की कीमतें करीब 12% तक कम होने का अनुमान है। बड़ी कारों और एसयूवी पर भी बदलाव, लेकिन महंगी रहेंगी सरकार ने टैक्स ढांचे को सरल बनाने की योजना बनाई है। बड़ी कारों और एसयूवी पर फिलहाल 43% से 50% तक टैक्स लगता है, जिसे घटाकर 40% विशेष दर पर लाने का प्रस्ताव है। हालांकि, इन पर राहत सीमित होगी और वे अभी भी महंगी रहेंगी। इलेक्ट्रिक वाहनों पर पहले से लागू 5% जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। नए स्लैब और रोजमर्रा की वस्तुओं पर असर सूत्रों के मुताबिक, सरकार जीएसटी की मौजूदा चार दरों को घटाकर केवल दो प्रमुख स्लैब (5% और 18%) पर लाना चाहती है। 12% और 28% की दरें खत्म हो सकती हैं। केवल चुनिंदा वस्तुओं, जैसे बड़ी कारें, पर 40% की विशेष दर लग सकती है। रोजमर्रा की वस्तुएं 5% स्लैब में ही रहेंगी जबकि व्हाइट गुड्स (जैसे डिशवॉशर और बड़ी टीवी) को 28% से घटाकर 18% स्लैब में लाने की संभावना है। इससे इनकी मांग में भी तेजी आ सकती है। छोटी कारों के बाजार में नई जान ऑटो इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स कटौती से एंट्री-लेवल कारों की मांग बढ़ सकती है। हालांकि, इसका फायदा केवल हैचबैक तक सीमित नहीं रहेगा क्योंकि कई कॉम्पैक्ट एसयूवी भी 4 मीटर से कम लंबाई की हैं। मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों को इससे फायदा होने की संभावना है। ग्राहकों के लिए आसान फाइनेंसिंग विकल्पों ने भी इस बदलाव को और महत्वपूर्ण बना दिया है। छोटी कारों का सिकुड़ता बाजार पिछले वित्त वर्ष में छोटी कारों और हैचबैक की बिक्री में 13% की गिरावट दर्ज हुई और यह केवल 10 लाख यूनिट पर सिमट गई। इसके विपरीत एसयूवी की बिक्री 23.5 लाख यूनिट रही, जिसमें 10% से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई। पांच साल से लगातार छोटी कारों का बाजार हिस्सा घट रहा है और अब यह केवल 21% तक रह गया है। बढ़ी कीमतों ने घटाई बिक्री ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कड़े सुरक्षा और उत्सर्जन मानकों की वजह से छोटी कारों की कीमतें 30-40% तक बढ़ गई हैं। इससे एंट्री-लेवल ग्राहकों के लिए कार खरीदना कठिन हो गया है। उद्योग जगत का मानना है कि जीएसटी में कटौती से यह अंतर काफी हद तक कम हो जाएगा और बाजार में नई ऊर्जा आएगी। यह कदम न केवल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नई जान फूंक सकता है बल्कि मिडिल क्लास परिवारों के लिए कार का सपना पूरा करने का रास्ता भी आसान बना सकता है। दिवाली से पहले आने वाला यह बदलाव उपभोक्ता भावनाओं को मज़बूत करेगा और बाजार की सुस्ती को तोड़ सकता है।
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