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2030 तक ईवी सेक्टर को चाहिए 6,900 एकड़ जमीन और 9 अरब डॉलर, रिपोर्ट में निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरतें उजागर

2030 तक ईवी सेक्टर को चाहिए 6,900 एकड़ जमीन और 9 अरब डॉलर, रिपोर्ट में निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरतें उजागर

भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) क्रांति तेजी से आकार ले रही है और इससे जुड़ा बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर भूमि और पूंजी निवेश की जरूरत होगी। एक ताज़ा रिपोर्ट में इस दिशा में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं—साल 2030 तक EV निर्माण इकाइयों, बैटरी उत्पादन और चार्जिंग नेटवर्क के लिए 6,900 एकड़ जमीन और 9 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 75,000 करोड़ रुपये) का निवेश जरूरी होगा। भारत में ईवी ग्रोथ को चाहिए बड़ी तैयारी रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी Savills India की रिपोर्ट ‘Charged for Change: How EVs Are Reshaping Indian Real Estate’ के मुताबिक, EV निर्माण, लिथियम-आयन बैटरियों के उत्पादन और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए अगले पांच वर्षों में बेहद ठोस तैयारी की ज़रूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, यदि ईवी अपनाने की रफ्तार तेज बनी रही तो लगभग 6,852 एकड़ भूमि और 9 अरब डॉलर का निवेश आवश्यक होगा। वहीं यदि विकास मध्यम गति से हुआ, तब भी करीब 7.5 अरब डॉलर और 5,760 एकड़ भूमि की ज़रूरत पड़ेगी। ईवी अपनाने को सरकार की पहल और जागरूकता से मिल रही रफ्तार रिपोर्ट बताती है कि भारत में ईवी सेक्टर का विस्तार चार प्रमुख कारकों पर आधारित है — 1. सरकारी नीतियां 2. ईंधन की बढ़ती कीमतें 3. पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरूकता 4. तकनीकी उन्नति और बाज़ार की मांग सरकार की ओर से FAME जैसी योजनाओं और राज्य सरकारों के अनुदान ने इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को गति दी है। रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बड़ा अवसर रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि भारत सरकार ने 2030 तक 30% ईवी पैठ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को देखते हुए रियल एस्टेट सेक्टर में भी इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग में तेज़ी आएगी। EV फैक्ट्रियों, असेंबली यूनिट्स, कंपोनेंट स्टोरेज और बैटरी प्लांट्स के लिए बड़े भूखंडों की ज़रूरत होगी। सैविल्स इंडिया के इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स हेड श्रीनिवास एन के अनुसार, यह रुझान रियल एस्टेट निवेशकों और डेवलपर्स के लिए एक नया अवसर लेकर आया है। लॉजिस्टिक्स पार्क और सप्लाई चेन की अहम भूमिका EV सेक्टर के सप्लाई चेन को मज़बूती देने के लिए देशभर में रणनीतिक रूप से स्थित लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयरहाउस हब्स की स्थापना जरूरी होगी। इससे निर्माण इकाइयों से डीलरशिप और अंतिम उपभोक्ता तक EV और बैटरियों की पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी। नीतियों से बदलेगी तस्वीर श्रीनिवास का कहना है कि भारत सरकार की EV केंद्रित नीतियां न केवल विकास और निवेश को प्रोत्साहित कर रही हैं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु संकट जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। ईवी भविष्य नहीं, वर्तमान है। लेकिन इस भविष्य को सफल बनाने के लिए भारत को न केवल पूंजी, बल्कि समर्पित भू-स्थान और दीर्घकालिक नीति समर्थन की ज़रूरत है। यह रिपोर्ट इस दिशा में स्पष्ट संकेत देती है कि यदि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करें, तो 2030 तक भारत को एक मजबूत ईवी इकोसिस्टम देने में सफलता मिल सकती है।

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Tags : EV

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