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खर्चों में कटौती के लिए Nissan की बड़ी योजना, भारत समेत कई देशों में बंद हो सकते हैं प्लांट्स

खर्चों में कटौती के लिए Nissan की बड़ी योजना, भारत समेत कई देशों में बंद हो सकते हैं प्लांट्स

जापान की प्रमुख ऑटो निर्माता कंपनी Nissan वैश्विक स्तर पर अपने संचालन को lean (संकुचित) करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। खर्चों को नियंत्रित करने और घाटे से उबरने के मकसद से कंपनी दुनियाभर के कई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को बंद करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत, दक्षिण अफ्रीका और अर्जेंटीना के साथ-साथ जापान के भी कुछ पुराने संयंत्रों पर ताले लग सकते हैं। मैक्सिको में भी उत्पादन इकाइयों की संख्या घटाई जा सकती है। जापान के ऐतिहासिक प्लांट्स पर भी तलवार जानकारी के अनुसार, निसान जापान के ओप्पामा प्लांट, जो 1961 से संचालित है, को बंद करने की योजना बना रही है। साथ ही, कंपनी की सहयोगी फर्म द्वारा चलाया जा रहा शोनान प्लांट भी बंद हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो जापान में निसान के पास सिर्फ तीन वाहन असेंबली केंद्र शेष रह जाएंगे – तोचिगी, निसान मोटर क्यूशू और निसान शताई क्यूशू। वैश्विक स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क में भारी कटौती हाल ही में निसान ने यह संकेत दिया है कि वह अपने वैश्विक संयंत्रों की संख्या को 17 से घटाकर 10 करना चाहता है, जिसके तहत लगभग 15% कर्मचारियों की छंटनी भी संभावित है। यह कदम कंपनी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने और लंबे समय से चली आ रही बिक्री में गिरावट की भरपाई करने की दिशा में उठाया जा रहा है। भारत में भविष्य अनिश्चित भारत में निसान की स्थिति को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है। मार्च 2025 में कंपनी ने घोषणा की थी कि उसका फ्रांसीसी साझेदार Renault, भारत में जॉइंट वेंचर कंपनी Renault Nissan Automotive India Pvt. Ltd. में निसान की हिस्सेदारी खरीद सकता है। इस फैसले ने पहले से ही भारत में निसान की उत्पादन भूमिका को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं। कंपनी ने आधिकारिक पुष्टि से किया इनकार हालांकि, कंपनी ने अब तक किसी भी संयंत्र को बंद करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। निसान की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि वर्तमान में सभी संभावनाएं केवल विचाराधीन हैं और जब कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा, तो स्टेकहोल्डर्स को सूचित किया जाएगा। नई लीडरशिप, नई दिशा निसान के नए CEO इवान एस्पिनोसा के नेतृत्व में कंपनी अधिक आक्रामक रणनीति अपना रही है, जो पूर्व CEO माकाटो उचिदा की रणनीति से एकदम विपरीत है। जहां पहले घरेलू उत्पादन को बनाए रखने पर ज़ोर था, वहीं अब लागत में कटौती और दक्षता बढ़ाने को प्राथमिकता दी जा रही है। बिक्री में भारी गिरावट निसान की बिक्री में भी बड़ा अंतर देखने को मिला है। वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी ने लगभग 33 लाख वाहन बेचे, जो 2017 की तुलना में 42% कम है। इस गिरावट ने कंपनी को उत्पादन क्षमताओं की समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है। मैक्सिको में उत्पादन पुनर्संयोजन कंपनी ने यह भी बताया कि उसकी लोकप्रिय पिकअप ट्रक मॉडल्स – Frontier और Navara – का निर्माण अब केवल मैक्सिको के Civac प्लांट में केंद्रित किया जाएगा। पहले इनका निर्माण अर्जेंटीना में भी होता था। ओप्पामा और शोनान प्लांट का योगदान ओप्पामा प्लांट की सालाना उत्पादन क्षमता लगभग 2.4 लाख यूनिट है और यहां करीब 3,900 कर्मचारी कार्यरत हैं। यहीं से 2010 में कंपनी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार Leaf का निर्माण शुरू किया था। वहीं, शोनान प्लांट वाणिज्यिक वैन निर्माण में लगा है, जिसकी क्षमता करीब 1.5 लाख यूनिट सालाना है और इसमें 1,200 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि निसान भारत और अन्य विकासशील देशों में अपने अगली रणनीतिक दिशा को लेकर क्या निर्णय लेती है।

@आमिर खान की Dhoom-3 बाइक के बारे में जानना चाहेंगे आप ....

Tags : Nissan, India

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