देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार हुई महंगी, अब MG Comet EV खरीदने में चुकाने होंगे ज्यादा रुपये

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन इस बढ़ती लोकप्रियता के साथ अब जेब पर भी असर दिखने लगा है। जो कार अब तक देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार कही जाती थी, वह अब महंगी हो चुकी है। एमजी मोटर इंडिया ने अपनी लोकप्रिय MG Comet EV की कीमत में फिर से इजाफा कर दिया है।MG Comet EV की कीमत में हुआ इजाफा
MG Comet EV भारतीय बाजार में अपनी किफायती कीमत और कॉम्पैक्ट डिजाइन की वजह से खासा पसंद की जाती है। मई 2025 में ही कंपनी ने इस कार की कीमत में 36,000 रुपये की बढ़ोतरी की थी, और अब एक बार फिर लगभग 15,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। यानी कुछ ही महीनों के भीतर इस कार की कीमत में 50,000 रुपये तक का इजाफा हो चुका है।
बैटरी सब्सक्रिप्शन मॉडल भी हुआ महंगा
एमजी मोटर ने न सिर्फ कार की एक्स-शोरूम कीमत में इजाफा किया है, बल्कि इसके बैटरी सब्सक्रिप्शन मॉडल "Battery as a Service (BaaS)" की दरें भी बढ़ा दी गई हैं। पहले जहां ग्राहक को बैटरी किराए पर लेने के लिए 2.9 रुपये प्रति किलोमीटर देना पड़ता था, अब यह दर 3.1 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गई है। इससे उन ग्राहकों की जेब पर और ज्यादा भार पड़ेगा जो बैटरी सब्सक्रिप्शन विकल्प के तहत वाहन खरीदते हैं।
क्या खास है MG Comet EV में?
MG Comet EV में 10.25 इंच का बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है जो नेविगेशन, रियल-टाइम ट्रैफिक, मौसम और म्यूजिक जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। यह कार शहरी इलाकों में खासतौर से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें रोज़मर्रा की आवाजाही के लिए एक छोटा, सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल वाहन चाहिए।
बढ़ती मांग के बीच बढ़ती कीमतें
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में उछाल के बीच कंपनियां लागत और मांग के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि MG Comet EV अब भी देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कारों में से एक मानी जाती है, लेकिन बार-बार कीमतों में हो रही बढ़ोतरी उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है।
MG Comet EV की कीमत में इस ताजा बढ़ोतरी के बाद उन लोगों के लिए यह कार अब उतनी सस्ती नहीं रह गई है, जो एक बजट ईवी की तलाश में थे। हालांकि इसके फीचर्स और सब्सक्रिप्शन मॉडल इसे अब भी एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं, लेकिन यह तय है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना आम उपभोक्ताओं के लिए आसान नहीं रहेगा।