यूके-भारत व्यापार समझौता: लग्जरी कार खरीदने वालों को मिलेगा बड़ा फायदा, कीमतें होंगी कम

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं, जो भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ब्रिटिश लग्जरी और इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों को काफी हद तक कम कर देगा। इस समझौते के तहत इंपोर्ट ड्यूटी में धीरे-धीरे कटौती की जाएगी, जिससे Rolls-Royce, Jaguar Land Rover, Bentley, Aston Martin और McLaren जैसी हाई-एंड कारें भारतीय बाजार में ज्यादा सस्ती और सुलभ हो सकेंगी। कैसे मिलेगा भारतीय खरीदारों को फायदा नई नीति के तहत ब्रिटेन में बनी फुली बिल्ट-अप लग्जरी कारों, ईवी और ट्रकों पर लागू इंपोर्ट ड्यूटी में एक निर्धारित कोटे के भीतर भारी छूट दी जाएगी। इस व्यवस्था को टैरिफ रेट कोटा (TRQ) कहा जा रहा है, जो अगले 15 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। इसके तहत हर वर्ष एक निश्चित संख्या में कारों को कम टैक्स दरों पर भारत में आयात की अनुमति दी जाएगी। इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) कारों पर क्या मिलेगा लाभ • बड़ी इंजन क्षमता वाली पेट्रोल (3000cc से अधिक) और डीज़ल (2500cc से अधिक) कारों पर अभी 110% बेस ड्यूटी लगती है। FTA के पहले साल में यह दर 30% रह जाएगी और पांचवें साल तक घटकर सिर्फ 10% हो जाएगी। • मिड-साइज कारों (1500-3000cc पेट्रोल या 2500cc तक डीज़ल) पर यह ड्यूटी पहले साल 50% और पांचवें साल में 10% हो जाएगी। • एंट्री-लेवल ICE कारों (1500cc से कम) पर भी यही राहत लागू होगी। पहले साल में कुल 20,000 ICE कारों के कोटे में: • 10,000 हाई-एंड कारें • 5,000 मिड-सेगमेंट कारें • 5,000 एंट्री-लेवल कारें यह कोटा पांचवें साल तक बढ़कर 37,000 होगा और फिर 15वें साल से सालाना 15,000 पर स्थिर हो जाएगा। कोटा से बाहर कारों पर क्या होगा असर यदि कोटे से अधिक गाड़ियां आयात होती हैं, तो उन पर भी ड्यूटी कम लगेगी, लेकिन छूट सीमित रहेगी। • बड़े इंजन वाली कारों पर 95% से घटकर 50% ड्यूटी • मिड और लो सेगमेंट कारों पर 55% और 45% ड्यूटी दसवें वर्ष तक इलेक्ट्रिक वाहनों पर क्या छूट मिलेगी EVs, हाइब्रिड और हाइड्रोजन फ्यूल-सेल कारों पर भी TRQ के तहत अलग ढांचे में छूट दी जाएगी, लेकिन केवल उन्हीं पर जिनकी CIF (कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट) वैल्यू ₹40,000 से अधिक हो। • ₹40,000 से कम कीमत की EVs पर कोई राहत नहीं होगी • ₹40,000 से ₹80,000 के बीच की EVs पर छठे साल में ड्यूटी 50% और दसवें साल में सिर्फ 10% होगी • ₹80,000 से अधिक की हाई-एंड EVs पर ड्यूटी छठे साल में 40% और दसवें साल में 10% रह जाएगी छठे साल से वार्षिक कोटा: • 4,400 ईवी/हाइब्रिड गाड़ियां (दसवें साल तक बढ़कर 13,200 और पंद्रहवें साल से 22,000) महत्वपूर्ण: कोटा से अधिक आयात होने पर EVs पर कोई छूट नहीं मिलेगी, और पूरी बेस ड्यूटी लागू होगी। कमर्शियल व्हीकल्स पर राहत UK से आयातित बड़े ट्रकों (ICE आधारित, HS कोड 8704) पर भी ड्यूटी कम होगी। • वर्तमान ड्यूटी: 44% • पहले साल: 37% • पांचवें साल तक: 8.8% पहले साल में 2,500 ट्रक, पांचवें साल से हर साल 3,500 ट्रकों का कोटा तय किया गया है। कोटे के बाहर इन ट्रकों पर ड्यूटी घटकर 22% होगी (दसवें साल तक)। किन वाहनों को नहीं मिलेगा लाभ • दोपहिया EVs, ईवी बसें और ट्रक • कोटे से बाहर की ईवी और हाइब्रिड कारें इन सभी पर पूरी इंपोर्ट ड्यूटी जारी रहेगी ताकि घरेलू उद्योग की रक्षा की जा सके। समाप्ति और असर यह समझौता भारत-UK व्यापार संबंधों में एक नया अध्याय है। भारतीय उपभोक्ताओं को अब ब्रिटिश लग्जरी ब्रांड्स तक पहुंच आसान होगी। ब्रिटिश कंपनियों को भी भारत जैसे उभरते प्रीमियम मार्केट में विस्तार का मौका मिलेगा। चरणबद्ध टैक्स कटौती से देश के ऑटो उद्योग को समय मिलेगा बदलाव के लिए, जबकि उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और बेहतर कीमतों में उन्नत वाहन मिल सकेंगे। यह समझौता लागू होते ही असर दिखाने लगेगा और 15 साल की स्पष्ट रूपरेखा के साथ आगे बढ़ेगा।