GST कटौती से पहली बार वाहन खरीदने वालों को मिलेगी राहत, ग्रामीण बाजार को मिलेगा बड़ा सहारा

भारत की सबसे बड़ी टू-व्हीलर निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने आगामी जीएसटी काउंसिल बैठक से पहले उम्मीद जताई है कि यदि दो-पहिया वाहनों पर टैक्स दरों में कटौती होती है, तो यह खासतौर पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में पहली बार वाहन खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत साबित होगी। कंपनी के चेयरमैन पवन मुंजाल ने कहा कि प्रस्तावित जीएसटी कटौती न केवल वाहनों की कीमतें घटाएगी, बल्कि भारत की गतिशीलता व्यवस्था (mobility ecosystem) को और मजबूती देगी। वर्तमान में 350 सीसी तक इंजन क्षमता वाले दो-पहिया वाहनों पर 28% जीएसटी लगाया जाता है, जबकि 350 सीसी से ऊपर वाले वाहनों पर 28% जीएसटी के साथ 3% सेस भी देना पड़ता है। 3–4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स ढांचे को सरल बनाने और दरों में बदलाव पर चर्चा होगी। प्रस्ताव है कि 350 सीसी तक की बाइक्स पर जीएसटी घटाकर 18% किया जाए, जबकि 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली बाइक्स को 40% स्लैब में डाला जाए, जिन्हें लग्जरी श्रेणी में माना जाएगा। मुंजाल ने कहा कि यह कदम एक “प्रगतिशील सुधार” साबित होगा और लाखों भारतीयों को किफायती दरों पर उनका पहला वाहन खरीदने का मौका देगा। उन्होंने कहा, “दो-पहिया उद्योग न केवल व्यक्तिगत गतिशीलता का प्रमुख साधन है, बल्कि यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का भी अहम स्तंभ है। यह सरकार के राजस्व में बड़ा योगदान देता है और निर्माण, बिक्री से लेकर सर्विस और सप्लाई चेन तक लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।” उन्होंने इस सुधार को केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल से भी जोड़ा और कहा कि टू-व्हीलर सेक्टर में वृद्धि से भारत की दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धा क्षमता मजबूत होगी और आम नागरिकों को सशक्त बनाया जा सकेगा। हीरो मोटोकॉर्प का यह बयान ऐसे समय आया है जब रॉयल एनफील्ड के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ लाल ने भी जीएसटी काउंसिल से सभी टू-व्हीलर्स पर 18% की समान दर लागू करने की अपील की है। उनका कहना है कि बहुस्तरीय टैक्स ढांचा भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को कमजोर कर सकता है। लाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय टू-व्हीलर उद्योग, मेक इन इंडिया पहल का सबसे सफल उदाहरण है, जिसने वैश्विक स्तर पर स्केल, लागत-कुशलता और गुणवत्ता के मामले में भारतीय निर्माण को अग्रणी बनाया है। अब जब जीएसटी काउंसिल की बैठक नजदीक है, पूरा टू-व्हीलर सेक्टर इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उद्योग जगत को उम्मीद है कि यह सुधार उपभोक्ताओं के लिए वाहनों को सस्ता बनाएगा और निर्माताओं के लिए विकास का मार्ग खोलेगा, जिससे भारत की स्थिति दुनिया के सबसे बड़े टू-व्हीलर उत्पादन केंद्र के रूप में और भी मजबूत होगी।
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