दिवाली से पहले नई गाड़ी लेना हुआ मुश्किल, ट्रकों और रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से डिलीवरी पर संकट

दिवाली से पहले इस बार नई गाड़ी लेना आसान नहीं होगा। त्योहारों की रौनक के बीच देश का ऑटो सेक्टर डिलीवरी संकट से जूझ रहा है। कार और टू-व्हीलर निर्माता कंपनियां ट्रकों, ट्रेलरों और रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी के कारण ग्राहकों तक वाहन समय पर पहुंचाने में कठिनाई महसूस कर रही हैं। बढ़ी हुई मांग और लॉजिस्टिक दबाव ने इंडस्ट्री की गति को धीमा कर दिया है। सितंबर महीने में जीएसटी कटौती और नवरात्रि ऑफर्स के कारण कार और बाइक की बिक्री में तेज उछाल देखने को मिला। अनुमानित 3.75 से 3.8 लाख वाहन फैक्ट्रियों से डिस्पैच किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 5-6% ज्यादा है। वहीं, रिटेल बिक्री में लगभग 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। ट्रक और ट्रेलर की भारी कमी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अचानक बढ़ी मांग और त्योहारों की खरीदारी के चलते ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर भारी दबाव है। एम एंड एम (Mahindra & Mahindra) के ऑटोमोटिव डिवीजन के सीईओ नालिनिकांत गोल्लागुंटा ने कहा कि “त्योहारों की मांग ने ट्रेलरों की उपलब्धता पर असर डाला है, लेकिन हम डीलर नेटवर्क तक वाहनों की डिलीवरी सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।” मारुति सुजुकी के पास 2.5 लाख लंबित डिलीवरी देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, “हमारे पास करीब 2.5 लाख कारों की पेंडिंग डिलीवरी है और अधिकतर ग्राहक दिवाली से पहले अपनी नई गाड़ी लेना चाहते हैं।” उन्होंने बताया कि कंपनी रेलवे ट्रांसपोर्ट का भी उपयोग कर रही है ताकि डिलीवरी समय पर हो सके। लक्जरी कारों की डिमांड भी रिकॉर्ड स्तर पर BMW इंडिया के प्रेसिडेंट और सीईओ हरदीप सिंह बरार ने कहा कि दिवाली और धनतेरस पर डिलीवरी लेने का ट्रेंड काफी मजबूत है। उन्होंने बताया कि “मांग बहुत अधिक है, लेकिन अब लॉजिस्टिक समस्याएं काफी हद तक नियंत्रित कर ली गई हैं।” रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से ईवी उत्पादन पर असर टू-व्हीलर और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए चुनौती दोहरी है — लॉजिस्टिक बाधाएं और रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी। यह कंपोनेंट इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए जरूरी होता है। एक प्रमुख टू-व्हीलर कंपनी के अधिकारी ने बताया कि “कीमतों में कटौती के बाद मांग में अचानक उछाल आया है, लेकिन मैग्नेट की कमी ने उत्पादन पर असर डाला है।” दो-व्हीलर और कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में उछाल सितंबर में टीवीएस मोटर, बजाज ऑटो और रॉयल एनफील्ड ने मजबूत बिक्री दर्ज की। रॉयल एनफील्ड की बिक्री में 43% की बढ़ोतरी हुई, जबकि टाटा मोटर्स की कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में 16% और अशोक लेलैंड में 7% की वृद्धि रही। त्योहारों के मौसम में रिकॉर्ड बिक्री के बावजूद सप्लाई चेन की बाधाएं और लॉजिस्टिक संकट ऑटो सेक्टर की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रक और रेयर अर्थ सप्लाई सामान्य नहीं हुई, तो दिवाली की डिलीवरी सीज़न में ग्राहकों को अपनी नई गाड़ियों का इंतजार लंबा खिंच सकता है।
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