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भारत का ऑटो सीढ़ीक्रम बदला: 2025 में कौन ऊपर पहुंचा और कौन नीचे गया?

भारत का ऑटो सीढ़ीक्रम बदला: 2025 में कौन ऊपर पहुंचा और कौन नीचे गया?

भारत के 2025 के पैसेंजर व्हीकल मार्केट में बड़ी हलचल देखी जा रही है, जहां महिंद्रा दूसरे स्थान पर पहुंचने वाली है, जबकि एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों ने बाजार की दिशा तय की है। इस बदलाव के बीच ह्युंडई की रैंकिंग नीचे खिसकी है, जो पूरे देश में बदलती उपभोक्ता पसंद को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। मारुति सुजुकी ने हमेशा की तरह 2025 के कैलेंडर ईयर में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी का अपना स्थान बरकरार रखा है, जबकि उसके बाद महिंद्रा, टाटा और उसके बाद ह्युंडई का क्रम दिखाई दे रहा है। भारत के पैसेंजर व्हीकल मार्केट में एक बड़े फेरबदल के तहत महिंद्रा एंड महिंद्रा 2025 के कैलेंडर ईयर में दूसरे स्थान पर पहुंचने वाली है। यह जानकारी दिसंबर के चौथे सप्ताह तक के वाहनों के वाहन रजिस्ट्रेशन डाटा के आधार पर सामने आई है। यह पहली बार है जब घरेलू एसयूवी फोक्स्ड ऑटोमेकर ने वार्षिक बिक्री के मामले में ह्युंडई और टाटा मोटर्स दोनों को पीछे छोड़ दिया है, जबकि मारुति सुजुकी ने हमेशा की तरह देश की नंबर 1 कार ब्रांड की अपनी बादशाहत कायम रखी है। महिंद्रा ने 2025 में करीब 5.81 लाख यूनिट दर्ज की हैं जो 2024 के 4.90 लाख यूनिट के मुकाबले काफी अधिक हैं। यह आंकड़ा साल-दर-साल 18 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। इसके बाद टाटा मोटर्स करीब 5.52 लाख यूनिट के साथ है, जो मामूली अंतर से 5.50 लाख यूनिट दर्ज करने वाली ह्युंडई से आगे है। यह बदलाव दूसरे और तीसरे स्थान की लड़ाई में एक बड़ा परिवर्तन दिखाता है। महिंद्रा की ग्रोथ का असली आधार – एसयूवी का जलवा महिंद्रा के असाधारण प्रदर्शन के पीछे उसका मजबूत एसयूवी पोर्टफोलियो सबसे बड़ी वजह रहा है। स्कॉर्पियो, बोलेरो, थार और एक्सयूवी सीरीज जैसी लोकप्रिय गाड़ियां लगातार मजबूत बिक्री दर्ज करा रही हैं और शहरी तथा सेमी-Urban दोनों तरह के ग्राहकों को प्रभावित कर रही हैं। इस साल सबसे ज्यादा उछाल थार फैमिली में देखने को मिला। तीन-डोर थार और पांच-डोर थार रॉक्स की संयुक्त बिक्री एक लाख यूनिट के पार पहुंच गई, जिससे यह महिंद्रा की दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई। थार रॉक्स ने कुल बिक्री में लगभग दो-तिहाई योगदान दिया। वहीं स्कॉर्पियो क्लासिक और स्कॉर्पियो-एन अब भी कंपनी के टॉप परफॉर्मर हैं और इन्होंने 1.61 लाख से ज्यादा यूनिट दर्ज की हैं। महिंद्रा का इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में कदम और आगे बढ़ा है। BE 6, XEV 9e और XEV 9s जैसे मॉडल्स ने कंपनी की कुल 2025 सेल्स में 7 से 8 फीसदी तक का योगदान दिया है। इससे महिंद्रा न सिर्फ तेजी से बढ़ते ईवी मार्केट में मजबूत हुई है, बल्कि उसकी वार्षिक बिक्री में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। टाटा मोटर्स की मजबूत प्रगति, ह्युंडई की गिरावट टाटा मोटर्स ने भी अपनी स्थिर प्रगति जारी रखी है। नेक्सन, पंच और हैरियर ईवी जैसी कारों ने कंपनी के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। आने वाले समय में टाटा सिएरा के लॉन्च और हैरियर व सफारी के पेट्रोल वेरिएंट से टाटा को 2026 में और मजबूत बढ़त मिलने की उम्मीद है। दूसरी ओर, ह्युंडई वर्षों बाद पहली बार चौथे स्थान पर खिसक गई है, जो इस बात का संकेत है कि उसके मुकाबले अन्य ब्रांडों की गाड़ियां भारतीय उपभोक्ताओं को ज्यादा पसंद आ रही हैं। आगे का रास्ता रैंकिंग में यह बड़ा बदलाव एक व्यापक मार्केट ट्रेंड की ओर संकेत करता है, जहां शहरी, सेमी-Urban और ग्रामीण भारत में एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुचि तेजी से बढ़ रही है। महिंद्रा की एसयूवी-केंद्रित रणनीति और समय पर किए गए ईवी लॉन्च ने उसे इस ट्रेंड का सबसे बड़ा लाभार्थी बना दिया है, जिसके चलते उसने भारत के बेहद प्रतिस्पर्धी पैसेंजर व्हीकल बाजार में ऐतिहासिक रूप से दूसरा स्थान हासिल कर लिया है।

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