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भारत की प्रसिद्ध बाइक निर्माता कंपनी रॉयल एनफील्ड जल्द ही अपनी नई रेट्रो स्टाइल बाइक क्लासिक-650 ट्विन
सरकार ने शुक्रवार को संसद में जानकारी देते हुए कहा कि 2020 से अब तक 96000 से अधिक वाहनों को 'अडॉप्टेड व्हीकल' के रूप में रजिस्टर किया गया है, जो खासकर दिव्यांगों के लिए डिजाइन किए गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में 30 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर अतिरिक्त 6% कर
भारत में कमर्शियल वाहन (सीवी) इंडस्ट्री की होलसेल वॉल्यूम में वित्त वर्ष 2025-26 में सालाना आधार पर 3-5 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है, जो कि इस सेगमेंट में मजबूत रिकवरी को दिखाता है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में दी गई।
टीवीएस मोटर्स ने फरवरी 2025 में शानदार बिक्री प्रदर्शन किया है। कंपनी ने अपने प्रमुख मॉडल्स जैसे iQube, Apache, और Jupiter के जरिए अपने बिक्री आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की है। टीवीएस की निर्यात और घरेलू बाजार में वृद्धि यह दर्शाती है कि कंपनी भारतीय बाजार में मजबूत पकड़ बनाए हुए है। आने वाले समय में यह उम्मीद की जाती है कि टीवीएस इसी स्पी़ड से आगे बढ़ेगा और और भी अच्छे परिणाम देगा।
एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यात्री वाहनों की बिक्री वर्ष 2025-26 में 4-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
प्रदेश मे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढावा देने हेतु इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अन्तर्गत 200 करोड़ रू का ई-व्हीकल प्रमोशन फंड गठित किया गया है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) की हिस्सेदारी कुल बिक्री में वित्त वर्ष 30 तक बढ़कर 30 से 35 प्रतिशत हो सकती है, जो कि 2024 में 7.4 प्रतिशत और 2019 में एक प्रतिशत से भी कम थी। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।
यह इवेंट भारत को वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग में एक मजबूत पहचान दिलाने के साथ-साथ देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि यह इवेंट न केवल बिजनेस के लिए, बल्कि ऑटोमोबाइल के शौकीनों के लिए भी एक यादगार अनुभव होगा।
'होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया' (एचएमएसआई) ने शनिवार को जानकारी दी कि 2024 में कंपनी की कुल बिक्री 58,01,498 यूनिट रही, जो 2023 की तुलना में 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दर को बढ़ाने के लिए लाई गई फेम-II स्कीम के तहत 16.15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को इंसेंटिव दिया गया है।
दुनिया भर में पर्यावरणीय संकट और शहरी यातायात की चुनौतियों के बीच, 2024 को साइकिल के चलन में अभूतपूर्व वृद्धि का साल माना जा रहा है। यह न केवल एक पर्यावरण अनुकूल परिवहन माध्यम के रूप में लोकप्रिय हो रही है, बल्कि टिकाऊ गतिशीलता के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला रही है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में यात्री वाहनों की बिक्री नवंबर में 3.48 लाख यूनिट रही, जो पिछले साल इसी महीने की तुलना में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है। दीपावली के अगले महीने दोपहिया वाहनों की बिक्री 16.05 लाख यूनिट रही, जो कि नवंबर में पहली बार 16 लाख यूनिट के आंकड़े को पार कर गई।
भारत में यात्री वाहन बिक्री नवंबर में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत बढ़कर 3,50,000 यूनिट्स रही है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए डेटा से मिली।
दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने इस साल अक्टूबर में कुल 5,97,711 यूनिट बेची, जो कि सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि दिखाती है। कंपनी ने बीते साल अक्टूबर में कुल 4,92,884 यूनिट बेची थी।
भारत से निर्यात किए जाने वाले वाहनों की संख्या में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 14 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इसका दौरान 25 लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात दुनिया के अलग-अलग देशों में किया गया है।
भारत के वाहन निर्यात क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 14 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस अवधि में 25 लाख से अधिक वाहनों का निर्यात विभिन्न देशों में किया गया। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच 25,28,248 यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 22,11,457 यूनिट्स था।
सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने मिलकर मोटर चालकों के लिए एक राष्ट्रव्यापी टायर सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य टायरों की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सही टायर रखरखाव के महत्व को रेखांकित करना है।
देश में वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर में कमजोर रहने के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में इसमें 6.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मजबूत ग्रामीण मांग के कारण यह संभव हो सका है।




















