राॅयल एनफिल्ड को माॅडिफाय कर बनाया ट्रैक्टर, अब जाएगा अफ्रीका
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अब बात करते हैं जगानी जी की उपलब्धियों की। मनसूख जगानी के इस नए प्रयोग को साल 2002 में नेशनल इनोवेशन फाउण्डेशन ने प्रेस्टिजियस अवाॅर्ड से नवाजा है। इसके बाद उनका यह इनोवेशन देश ही नहीं पूरी दुनिया में पाॅपुलर हुआ, साथ ही कई एनजीओ व यूनिवर्सिटी द्वारा सहारा भी गया। इस नए प्रयोग से प्रभावित होकर एग्रीकल्चर एंड टेकनोलाॅजी पर काम करने वाली नरोबी-बेस्ड जोमो केन्याटा यूनिवर्सिटी ने उन्हें 4 साल पहले केन्या बुलाया था। इसकी वजह वहां इस तरह के प्रयोग की शुरूआत की संभावनाओं का पता लगाना था। अब यह सपना भी सच होने जा रहा है।
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